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sahiwal cow

भारत में पाई जाने वाली इस नस्ल की गाय का दुग्ध उत्पादन में पहला स्थान

भारत में पाई जाने वाली इस नस्ल की गाय का दुग्ध उत्पादन में पहला स्थान

भारत के अंदर विभिन्न प्रकार की गायों की नस्लें पाई जाती हैं। कृषि के साथ-साथ पशुपालन किसानों की आय बढ़ाने में काफी सहयोगी भूमिका अदा करता है। 

पशुपालकों के लिए गाय पालन उनकी आय को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। अब ऐसे में पशुपालन करने वाले किसानों को गाय की अच्छी नस्ल का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। 

इसलिए आज के इस लेख में हम आपको गाय की ऐसी नस्ल की जानकारी देंगे जो कि सबसे ज्यादा दूध देती है। दरअसल, हम आज आपको बताऐंगे गाय साहीवाल नस्ल (Sahiwal Breed Cow) के बारे में। 

वैज्ञानिक ब्रीडिंग के माध्यम से देसी गायों की नस्ल में सुधार कर उन्हें साहीवाल नस्ल में परिवर्तित किया जा रहा है। हरियाणा राज्य के अंदर बड़ी संख्या में इस नस्ल की गाय होती हैं। वहीं, पंजाब और राजस्थान में भी साहीवाल पशुओं के लिए कुछ गौशालाएं तैयार की गई हैं।

साहीवाल नस्ल की किस प्रकार जान-पहचान की जाती है

दुधारू गाय की साहीवाल नस्ल की गायों का सिर चौड़ा, सींग छोटे और मोटे साथ ही शरीर मध्यम आकार का होता है। गर्दन के नीचे लटकती हुई भारी चमड़ी और भारी लेवा होता है। 

साहीवाल गायों का रंग अधिकतर लाल और गहरे भूरे रंग का होता है। इस नस्ल की कुछ गायों के शरीर पर सफेद चमकदार धब्बे भी पाए जाते हैं। 

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इस नस्ल के वयस्क बैल का औसतन भार 450 से 500 किलो और मादा गाय का वजन 300-400 किलोग्राम तक हो सकता है। बैल की पीठ पर बड़ा कूबड़ जिसकी ऊंचाई 136 सेमी तथा मादा की पीठ पर बने कूबड़ की ऊंचाई 120 सेमी के आसपास होती है।

पशुपालक यहां से शुद्ध नस्ल के पशु या गाय प्राप्त कर सकते हैं  

साहीवाल गाय अधिकतम उत्तरी भारत में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण नस्ल है। बतादें, कि इसका उदगम स्थल पाकिस्तान पंजाब के मोंटगोमरी जिले और रावी नदी के आसपास का है। 

सबसे ज्यादा दूध देने वाली यह नस्ल पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जैसे जनपदों में पाई जाती है। वहीं, राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में इस नस्ल की गाय हैं। 

वहीं, पंजाब में फिरोजपुर जिले के फाजिल्का और अबोहर कस्बों में शुद्ध साहीवाल गायों के झुंड के झुंड देखने को मिल जाएंगे।

साहीवाल गाय की विशेषताएं या खूबियां क्या-क्या हैं ?

साहीवाल (Sahiwal) नस्ल की गाय एक बार ब्याने पर 10 महीने तक दूध देती है। वहीं, दूध काल के दौरान ये गायें औसतन 2270 लीटर दूध देती हैं। यह प्रतिदिन 10 से 16 लीटर दूध देने की क्षमता रखती हैं। 

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साहीवाल गाय अन्य देशी गायों की अपेक्षा अधिक दूध देती हैं। इनके दूध में बाकी गायों के तुलनात्मक अधिक प्रोटीन और वसा मौजूद है।

साहीवाल गाय की प्रजनन प्रक्रिया क्या है ? 

गाय के पहले प्रजनन की अवस्था जन्म के 32-36 महीने में आती है। इसकी प्रजनन समयावधि में 15 महीने का समयांतराल होता है। 

गाय की देशी नस्ल होने की वजह से इसके रखरखाव और आहार पर भी अधिक खर्च करना नहीं पड़ता। यह नस्ल ज्यादा गर्म इलाकों में भी आसानी से रह सकती है। 

इनका शरीर बाहरी परजीवी के प्रति प्रतिरोधी होता है, जिससे इसे पालने में अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। 

साहीवाल गाय की कीमत कितनी होती है ?

साहीवाल गाय की कीमत (Sahiwal Cow Price) इसके दूध उत्पादन की क्षमता, उम्र, स्वास्थ्य इत्यादि पर निर्भर करती है। यदि अनुमानित तोर पर बात करें तो साहीवाल गाय तकरीबन 40 हजार से 60 हजार रुपए की कीमत के आसपास खरीदी जा सकती है।

दुग्ध उत्पादन से मोटा मुनाफा लेने के लिए इन तीन गायों को पालें किसान

दुग्ध उत्पादन से मोटा मुनाफा लेने के लिए इन तीन गायों को पालें किसान

इस गाय की प्रतिदिन औसतन 12 से 20 लीटर दूध देने की क्षमता है। यदि आप इस गाय का बेहतर ढंग से देखभाल रखें तो यह पाया गया है, कि यह गाय प्रतिदिन 50 से 60 लीटर दूध भी दे सकती है। भारत में इस समय डेयरी का व्यवसाय बड़ी तीव्रता से फैलता जा रहा है। दूध के व्यापार से लोग प्रति माह लाखों का मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। दरअसल, दुग्ध व्यवसाय को करने के लिए भी तकनीक एवं नॉलेज की काफी आवश्यकता होती है। यदि आप बेहतर मवेशियों के साथ यह व्यवसाय आरंभ करते हैं, तो आपको निश्चित तौर पर अच्छा-खासा मुनाफा मिलेगा। वर्ना आप इसमें उतना पैसा नहीं कमा पाएंगे। हम आपको आज इस लेख में बताएंगे कि आप किन तीन प्रजातियों की गायों को पाल कर एक माह में मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अब गाय पालन के लिए सरकार की तरफ से भी मदद मिलती है। मतलब कि आपको यह व्यवसाय चालू करने के लिए अत्यधिक निवेश भी नहीं करना पड़ेगा।

देश में दुग्ध उत्पादन की काफी आवश्यकता है

भारत में दुग्ध उत्पादन करना किसान और पशुपालकों के लिए फायदे का सौदा होता है। दुग्ध उत्पादन करने से आज भी देश के अधिकांश किसान अपनी आजीविका चलाते हैं। आजीविका को चलाने के लिए कृषि के साथ-साथ किसान पशुपालन कर दूध बेचकर आमदनी करते हैं। बतादें कि भारत में दूध की अच्छी खासी खपत है। इसलिए दूध की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बेहतर नस्ल के मवेशी पालना बेहद आवश्यक है।

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प्रथम नस्ल गिर गाय

गिर गाय भारत में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय मानी जाती है। गिर नस्ल की गाय के थन काफी अधिक बड़े होते हैं। यह गाय गुजरात के गीर के जंगलों में मिलती हैं। दरअसल, वर्तमान में इसको संपूर्ण भारत में पाला जाने लगा है। यह गाय प्रति दिन औसतन 12 से 20 लीटर दूध देती है। परंतु, यदि आप इस गाय का बेहतर ढ़ंग से ध्यान रखते हैं तो ऐसा पाया गया है, कि यह गाय 50 से 60 लीटर दूध भी प्रति दिन दे सकती है। अब आप सोचिए यदि आप इस प्रकार की तीन चार गाय भी रखते हैं, तो प्रति माह केवल इनका दूध बेचकर कितना धन कमा सकते हैं।

द्वितीय स्थान पर लाल सिंधी गाय

यह लाल सिंधी गाय सिंध के इलाके में पाई जाती है। जो कि इसके नाम से ही पता चलता है। साथ ही, यह गाय दिखने में थोड़ी लाल रंग की होती है। इसलिए इस गाय को लाल सिंधी गाय कहा जाता है। आजकल यह गाय ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और केरल में भी बड़ी मात्रा में पाली जाती है। उत्तर प्रदेश और बिहार में भी कुछ किसान इस गाय को पालने का कार्य कर रहे हैं। यह गाय प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध देती है। हालांकि, यदि आपने इसकी बेहतर ढंग से देखभाल रखी तो यह प्रतिदिन 40 से 50 लीटर भी दूध दे सकती है।

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तृतीय स्थान पर साहिवाल गाय

बतादें कि तीसरे स्थान पर आने वाली साहिवाल गाय आपको मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में काफी नजर पड़ती है। इन राज्यों में किसानों के मध्य यह गाय सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। औसतन यह गाय प्रति दिन 10 से 15 लीटर दूध देती है। परंतु, यदि आप इस गाय का अच्छे से खानपान और देखभाल रखेंगे तो यह आपको प्रतिदिन 30 से 40 लीटर भी दूध दे सकती है। इस गाय की सबसे अच्छी बात यह होती है, कि इसे कम जगह में भी आसानी से रखा जा सकता है। इसका अधिक ध्यान रखने की भी आवश्यता नहीं पड़ती।
गाय की इस नस्ल का पालन करने पर पशुपालकों को मिल सकती है सब्सीडी

गाय की इस नस्ल का पालन करने पर पशुपालकों को मिल सकती है सब्सीडी

खेती के सात साथ किसान पशुपालन करके भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।  पशुपालन के अंदर ज्यादातर गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं का पालन किया  जाता है। 

पशुपालक को गाय की उत्तम किस्म का चयन करना चाहिए ताकि अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। गाय की ऐसी बहुत सी नस्ल है जिनसे अच्छा दूध प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी ही गाय की नस्ल मे से एक नस्ल है साहीवाल। 

साहीवाल गाय को अधिक दूध देने वाली गाय माना जाता है यदि गाय का अच्छे से रखरखाव किया जाए तो प्रतिदिन गाय से 10 से 16 लीटर दूध प्राप्त किया जा सकता है। 

साहीवाल नस्ल की गाय का ज्यादातर पालन हरियाणा और राजस्थान मे किया जाता है। यदि आप भी दूध के अधिक उत्पादन के लिए डेयरी खोलना चाहते है तो उसके लिए साहीवाल गाय का ही चयन करें। 

बहुत से पशुपालक साहीवाल गाय का पालन करके अपनी इनकम बढ़ा रहे है। इसके अलावा सरकार  द्वारा देशी गाय के पालन के लिए सब्सीडी भी प्रदान की जा रही है। 

कैसे करें साहीवाल गाय की पहचान 

साहीवाल गाय की पहचान करना काफी सरल है, साहीवाल गाय की पहचान उसके शरीर की बनावट, सींघो और गाय की रंग से आसानी से की जा सकती है। 

  1. साहीवाल गाय की सींघ दिखने मे छोटे और मोटे होते है। 
  2. साहीवाल गाय की गर्दन की नीचे खाल की एक मोटी परत लटकी हुई होती है। 
  3. इस नस्ल की गाय के शरीर का आकर मध्यम और माथा आगे से चौड़ा होता है। 
  4. साहीवाल गाय का रंग गहरे भूरे और लाल रंग का होता है, इसके शरीर पर सफ़ेद रंग के चमकदार धब्बे भी होते है। 
  5. इस नस्ल की गाय के पीठ पर बने कूबड़ की ऊंचाई 120 सेंटीमीटर होती है। 
  6. साहीवाल नस्ल की इस गाय का वजन 300 से 400 किलोग्राम होता है। 

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साहीवाल गाय की विशेषताएं क्या है ?

साहीवाल गाय की बहुत सी ऐसी विशेषताएं है जो इसे अन्य गायों से अलग बनाती है , आइये बात करते है साहीवाल गाय की विशेषताओं के बारे मे। 

  1. साहीवाल गाय की इस नस्ल को अन्य गायों की तुलना मे अधिक दूध देने वाली गाय माना गया है। 
  2. साहीवाल गाय एक ब्यात पर 10 महीने तक दूध देती है , पुरे ब्यांत मे यह  2270 लीटर दूध देती है। 
  3. रोजाना की बात करें यह गाय प्रतिदिन 10 से 16 लीटर दूध देती है। 
  4. अन्य गायों की तुलना मे इस गाय के दूध मे प्रोटीन और वसा ज्यादा मात्रा मे पायी जाति है। 
  5. गर्म इलाकों मे भी यह गाय आसानी रह सकती है। 
  6. साहीवाल गाय के रखरखाव पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है , इसे आसानी से कोई भी पशुपालक पाल सकता है। 
  7. इस नस्ल की गाय की प्रजनन अवधी मे 15 महीने का समय अंतराल होता है। 

साहीवाल गाय की कीमत 

किसी गाय की कीमत उसकी दूध देने की क्षमता, उम्र और नस्ल पर निर्भर करती है।  ऐसे मे साहीवाल गाय की कीमत 40000 से 60000 रुपए तक है। 

साहीवाल गाय की खरीद पर कितनी सब्सीडी मिल रही है ?

सरकार द्वारा किसानों को देसी गायों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा गौपालन प्रोत्साहन योजना 2023 -2024 चलाई जा रही है। 

इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को गौपालन के लिए डेरी लगाने के लिए 75% सब्सीडी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के लोगो को 40% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। 

कहाँ से खरीदे साहीवाल गाय की उन्नत नस्ल 

साहीवाल गाय भारत के उत्तर दिशा मे सबसे ज्यादा पायी जाती है। इस नस्ल की गाय का उद्गम स्थल रावी नदी के आसपास और पाकिस्तान पंजाब के मोंटगोमरी जिला माना जाता है। 

साहीवाल गाय सबसे अधिक दूध देने वाली गाय मे से एक है , ज्यादातर यह नस्ल पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिलों मे पायी जाती है। राजस्थान के गंगानगर और फिरोजपुर जिले के फाजिलका और अबोहर कस्बे मे इस गाय की नस्ल को पाला जाता है।